दोस्तों, जैसा कि आप सब जानते ही हैं, 3000 टन सोने को लेकर सोनभद्र आजकल बहुत ज्यादा चर्चा में है, और बिल्कुल होना भी चाहिए। 3000 टन सोना अपने आप में एक बहुत ज्यादा सोने की मात्रा हुई, जो देश की आर्थिक स्थिति को पूरी तरीके से बदल सकती है, लेकिन अभी इस बात का केवल दावा ही किया जा रहा है, कि सोनभद्र के अंदर 3000 टन सोना जमीन के अंदर उपस्थित है।
फिलहाल इसकी पुष्टि तो तभी होगी जब यह सोना प्राप्त कर किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के खनिज एवं पुरातत्व विभाग का दावा है, कि जमीन के अंदर 3000 टन से 3300 तक सोना उपस्थित है। अगर दोस्तों वाकई इतना सोना जमीन के अंदर उपस्थित है, तो यह उत्तर प्रदेश के लिए एक बहुत ज्यादा अच्छी खबर हो सकती है।
आइए आज के इस आर्टिकल में हम पूरी जानकारी लेते हैं, कि सोनभद्र का नाम सोनभद्र क्यों पड़ा ? क्या पहले से ही सोना यहां पर मिलता चला आया है ? तो आज के आर्टिकल में आपको सारी जानकारी हम बताएंगे।
फिलहाल इसकी पुष्टि तो तभी होगी जब यह सोना प्राप्त कर किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के खनिज एवं पुरातत्व विभाग का दावा है, कि जमीन के अंदर 3000 टन से 3300 तक सोना उपस्थित है। अगर दोस्तों वाकई इतना सोना जमीन के अंदर उपस्थित है, तो यह उत्तर प्रदेश के लिए एक बहुत ज्यादा अच्छी खबर हो सकती है।
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सोनभद्र का पूरा सच |
भारत पहले से कहा जाता है सोने की चिडिया :
वैसे तो, आप सब जानते ही हैं कि भारत को पहले से ही सोने की चिड़िया कहा जाता है। और अगर यह 3000 टन सोना उत्तर प्रदेश के अंदर निकलता है, तो भारत फिर एक बार सोने की चिड़िया बन जाएगा।
दोस्तों बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रभाकर उपाध्याय ने न्यूज़ से बातचीत करते हुए बताया, कि सोनभद्र का नाम सोनभद्र इसीलिए रखा गया था क्योंकि वहां पर पहले से ही थोड़ा बहुत सोना मिलता रहा है।
डॉ उपाध्याय ने बताया कि वहां पर सोनभद्र के अंदर एक सोन नदी है, जिसके अंदर अक्सर सोना बहकर आ जाया करता था। और उपाध्याय के मुताबिक सोना पहले से ही सोनभद्र के अंदर मिलता रहा है। हालांकि यह बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि सोना होने की वजह से शहर का नाम सोनभद्र रखा गया है, क्योंकि बहुत ज्यादा मात्रा में आज तक सोना सोनभद्र के अंदर नहीं मिला।
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सोनभद्र का पूरा सच |
सोने के साथ उपस्थित हैं बहुत सारे खनिज पदार्थ :
तो, आप सभी जानते ही हैं। वैसे तो सोने की जो बात कही जा रही है, वह बहुत ज्यादा दिलचस्प है।और बहुत ज्यादा लाभदायक भी, लेकिन सोना आता कहां से यह सवाल आपके मन में जरूर आता होगा, तो केवल सोना नहीं है यहां पर और भी बहुत सारे खनिज पदार्थ बताए जा रहे हैं। खनिज एवं पुरातत्व विभाग की माने तो यहां पर यूरेनियम, लोहा, पोटाश, इंडालुसाइट और भी बहुत सारे खनिज पदार्थ सोने के साथ बहुत अधिक मात्रा में उपस्थित हैं।
जीएसआई ने बताया केवल 160 किलो सोना :
सोनभद्र में सोना होने की खबर सरकार को काफी साल पहले ही मिल चुकी थी। और उस पर अब तक सरकार काम कर रही थी। हाल ही में उत्तर प्रदेश के खनिज एवं पुरातत्व विभाग ने इसकी पुष्टि की और पुष्टि होने के बाद भारत सरकार की सारी भौगोलिक एजेंसी या इसकी जांच करने में लग गई।
देश की भौगोलिक एजेंसियों में से प्रमुख एजेंसी जीएसआई जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से पता लगा कि वहां पर 3000 टन नहीं केवल 160 किलो सोना है। जीएसआई के निदेशक डॉक्टर जी एस तिवारी ने बताया कि पूरी चट्टान के अंदर 3000 टन खनिज हो सकता है, लेकिन शुद्ध करने के बाद जो सोना प्राप्त होगा वह 160 किलो से ज्यादा प्राप्त नहीं होगा। तिवारी ने दावा किया कि पूरे खदान से केवल और केवल 160 किलो सोना ही निकलेगा उससे ज्यादा बिल्कुल नहीं।
हेलीकॉप्टर से की जा रही चट्टान की निगरानी :
जिस चट्टान के नीचे सोना दबा होने की बात कही जा रही है। सरकार उसको लेकर काफी ज्यादा सक्रिय है। चट्टान की पूरी तरह से हेलीकॉप्टर द्वारा निगरानी की जा रही है। और सुरक्षा दी जा रही है। सोनभद्र के डीएम से भूमि से संबंधित सारी रिपोर्ट सरकार द्वारा मांगी जा रही है। और सारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद चट्टान की नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।
वैसे तो, सर्वे कि अगर हम बात करें तो वह बहुत ज्यादा समय से ही सोनभद्र के अंदर चल रही है। फिलहाल पिछले 15 दिनों से सरकार बहुत ज्यादा सोनभद्र के अंदर सक्रिय हो चुकी है। देश की सभी बड़ी भौगोलिक एजेंसी या इसकी जांच में लगी हुई है। और एजेंसी और द्वारा सोना होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। दोस्तों बिल्कुल अगर सोना निकलता है, तो हमारे देश के लिए बहुत अच्छी खुशखबरी और गौरव की बात रहेगी। हम सभी भारत के नागरिक चाहेंगे, कि देश को यह अमूल्य प्रकृति का उपहार अवश्य मिले।
Have you any doughts.PLease let me know.